barish shayari_बारिश शायरी_shayari on barish
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज मैं आपको बारिश और मोहब्बत के ऊपर शायरी सुनाओ
ह बादल इतना बरस कि नफरत दुल जाए इंसानियत तरस गई है मोहब्बत के सैलाब को बारिश में रख दूं जिंदगी को ताकि धूल जाए पन्नू की शाही जिंदगी को फिर से लिखने का मन करता है कभी-कभी
बारिश से ज्यादा तासीर है यादों में हम अक्सर बंद कमरों में भीग जाते हैं दोस्तों तुम भी बरसो कभी मुझ पर बारिश की तरह मैं भी महकने लगे प्यार से मिट्टी की तरह उदास फिरता है अब मोहल्ले में बारिश का पानी कश्तियां बनाने वाले बच्चे मोबाइल से इश्क कर बैठे
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गम की बारिश ने भी तेरे नक्श को धोया नहीं तुमने मुझे खो दिया मैंने तुझे खोया नहीं
कहीं फिसल ना जाऊं तेरी याद में चलते चलते रुक अपनी यादों को हमारी शहर में बारिश का समा है रो लेने से दिल का बोझ हल्का होता है
जैसे बारिश हो जाए तो मौसम अच्छा होता है खूब हौसला बढ़ाया आंधियों ने धूल का मगर दो बूंद बारिश ने औकात बता दी औकात बता दी
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यह जो हल्की हल्की बारिश हुई थी आज यह जो हल्की हल्की बारिश हुई थी आज धारा की बादलों से गुजारिश हुई थी आज फिजा ओ नेबी दीया था पाइयो का संत मौसम ने पूरी की ओस की ख़ु आस थी आज मौसम ने पूरी की ओस की ख़ु आस थी आज
इस कदर प्यार की बारिश हो कि जल थल हो जाऊं की बारिश हो कि जल थल हो जाऊं तुम हटा बनकर चले आओ मैं बादल इस कदर प्यार की बारिश बताओ बनकर चले आओ मैं बादल हो जाऊं मैं पागल हो जाऊं
घर में बैठा हूं चमकते हुए सोने की तरह विफल हो जब मैं आ जाऊं तुझको अगर सामने आ जाए तो पागल हो जाए जिसको जिसको सामने आ जाए अगर सामने आ जाओ अगर सामने आ जाए तो पागल हो जाऊं फिर पता है मेरी जान तुम हार का जवाब दूंगा तेरी चाहत पर है मेरी अधूरी मिट्टी मुश्किलों में हिम्मत नहीं होगी
तुम्हारे सामने आ जाओ मेरी मिट्टी तुम तेरा हाथ लगाओ तो तुम मुकम्मल हो जा मेरी अधूरी मिट्टी तुम जरा हाथ लगा दो तुम कमल हो जाओ हाथ लगा दो तुम जरा हाथ लगाओ तो तुम मुकम्मल हो जाओ
barish shayari in hindiआज भीग बैठे उसे पाने की चाहत में _ Barish shayari
बादल इतना बरस कि नफरत भूल जाए इंसानियत तरस गई है मोहब्बत के सैलाब को आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना वह तेरा तत्पर रहना और मेरा सड़कों पर नहाना
आज फिर मौसम नम हुआ मेरी आंखों की तरह शायद बादलों का भी दिल किसी ने तोड़ा होगा
खुद भी रोता है मुझे भी बुला कर जाता है यह बारिश का मौसम उसकी याद दिला कर जाता है यह बारिश यह हसीन मौसम और यह हवाएं लगता है आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है
जब भी होगी पहली बार तुमको सामने पाएंगे वह बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएंगे
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किसको खबर थी सांवले बादल बिन बरसे उठ जाते हैं सावन आया लेकिन अपनी किस्मत में बरसात नहीं
बारिश और मोहब्बत शायरी- बारिश, सावन,-बरसात स्पेशल
बादलों से कह दो बादलों से कह दो जरा सोच समझकर भरसे अगर हमें उनकी याद आई अगर हमें उनकी याद आई तो मुकाबला बराबरी का होगा।
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हमें क्या पता था हमें क्या पता था हम दिल तो आत्मा को बस हमने तो आत्मा को बस अपनी दास्तां सुनाई है सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत अगर धुल गई सारी गलतफहमियां अगर तूने तो फिर बहुत याद आएंगे
ए बारिश जरा थम के बरस थम के बरस जब मेरा यार आए तो जम के बरस बरस कि वह पहले ना बरस कि वह आ ना सके फिर इतना बरस कि वह आ सके बहुत दिनों से आसमान की शादी बहुत दिनों से थी आसमान की शादी आज पूरी हुई है उनकी बातों को याद करके
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बारिश पर बेहतरीन शायरी -Barish Shayari
जरा बारिश के नजर आने को कितनी दूर से आई है यह रेत से हाथ मिलाने को अब के सावन में यह शरारत मेरे साथ हुई मेरा घर छोड़कर पूरे शहर में बरसात हुई तुम्हारे शहर का बरसात बड़ा सुहाना लगे एक शाम चुरा लूं अगर बुरा ना लगे
हम जागते रहे दुनिया सोती रही एक बार ऐसी थी जो मेरे साथ रोती रही बारिश हुई और भीग गए हम रजनीकांत ने फूंक मारी जोक सुना है बहुत बारिश है तू
तेरी गलियों में कदम नहीं रखेंगे हम आज के बाद तेरी गलियों में कदम नहीं रखेंगे हम आज के बाद क्योंकि कीचड़ हो गया है
बरसात के बाद हमारे शहर आ जाओ ज्यादा बरसात रहती है कभी बादल बरसते हैं कभी आंखें बोलती हैं मेरे शहर का मौसम कितना कुछ गवार हो गया लगा जैसे आसमा को जमी से प्यार हो गया
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई
बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है फिजा भी सर्द है यादें भी ताजा है यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है ए बारिश जरा थम के बरस जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस पहले ना बरस कि वह आ ना सके जब वह आ जाए तो इतना बरस कि वह जा ना सके
बारिश में हम पानी बनकर बरस जाएंगे पतझड़ में फूल बनकर बिखर जाएंगे क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जाएंगे
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मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है दिल की हर एक धड़कन से आवाज तुम्हारी आती है जब तेज हवाएं चलती है तो जान हमारी जाती है
मौसम है कातिल बारिश का और याद तुम्हारी आती है इस बरसात में
हम भी जाएंगे दिल में तमन्ना के फूल खिल जाएंगे अगर दिल करे मिलने को तो याद करना बरसात बंद कर हम बरस जाएंगे
यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी मगर मुझको लौटा दो वह बचपन का सावन वह कागज की कश्ती वह बारिश का पानी और अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगी दोस्तों मोहब्बत बरसा देना तू सावन आया है तेरे और मेरे मिलने का मौसम आया है सबसे छुपा के तुझे सीने से लगाना है प्यार में तेरे हद से गुजर जाना है